



Agrasen was a legendary Indian king of Agroha, a city of traders. He is one of the descendants of the Hindu deity, Shri Ramchandra‘s elder son, Kusha. He is credited with the establishment of a kingdom of traders in North India named Agroha, and is known for his compassion in refusing to slaughter animals in yajnas. Goddess Mahalakshmi was the Kul Devi (prime goddess) of the Kshatriya king and she also gave her word of bestowing prosperity there for him and his descendants.
महाराजा अग्रसेन जी के सिद्धान्त
अहिंसा करुणा, स्नेह, भावना का प्रसार: महाराजा अग्रसेनजी ने जीव दया के सिद्धान्त को अपनाते हुए यज्ञों में पशु – बलि को निषेध किया |
पर्यावरण की शुद्धता पर बल : महाराजा अग्रसेनजी ने यज्ञों के माध्यम से मानव – मन की शुद्धि के साथ वातावरण की शुद्धि के लिए यज्ञ करवाए |
सर्वजन सुखाय सर्वजन हिताय् : एक सब के लिए सब एक के लिए, अग्रसेनजी का समाजवाद जिसकी मिसाल आज अन्यत्र मिलना मुश्किल हैं |
एक ईंट – एक रुपया की प्रथा डालना |
सह – अस्तित्व एवं सहिष्णुता : महाराजा अग्रसेनजी के राज्य में सब को अपनी इच्छा – अनुसार धर्म पालन की पूर्ण स्वतंत्रता थी |
ट्रष्टीशिप की भावना : महाराजा अग्रसेनजी के समय वंशानुगत शासन था किन्तु उन्होनें अपने राज्य को १८ गणों में विभक्त कर तथा उसका एक निर्वाचित प्रतिनिधी शासन परिषद में लेकर लोक तंत्रात्मक गणराज्य की नींव डाली |
सरलता-सादगी-मितव्ययता : महाराजा अग्रसेन ने सदा, सरलता, सादगी, मितव्ययता पर बल दिया | आज भी उनके वंशज धनाड्य होते हुए भी सादगी से रहना पसन्द करते हैं |
दूरदर्शी – शासक : क्या बात है कि हस्ती मिटती नहीं – हमारी, आज से ५००० वर्ष पूर्व महाभारत काल के बहुत से वंशों का आज कुछ भी पता नही है जब कि उन्ही के समकालीन महाराजा अग्रसेनजी के वंशज आज केवल अपना अस्तित्व ही नहीं बनाऐ हुए हैं बल्कि उन्नति के चर्म शिखर पर भी हैं |








Nirjala Ekadashi 2025
Holi 2025
Maharaja Agrasen Yatra 2024
Diwali 2024